छत्तीसगढ़ में पाषाण काल के साक्ष्य

छत्तीसगढ़ में पाषाण काल के साक्ष्य Chhattisgarh men pashan kaal ke sakshya-




Evidence of Stone Age In Chhattisgarh


छत्तीसगढ़ में पाषाण काल के साक्ष्य  Chhattisgarh men pashan kaal ke sakshaya-

पाषाण काल ( before 3000 BCE)   :-

1.पूर्व पाषाण काल -

  • छत्तीसगढ़ में पूर्व पाषाण काल के साक्ष्य रायगढ़ जिला के महानदी के घाटी एवं सिंघनपुर की गुफाएं से पत्थर के हस्तचालित कुदाल प्राप्त हुए हैं।
  • 2. मध्य पाषाण काल -

    छत्तीसगढ़ में मध्य पाषाण काल के साक्ष्य रायगढ़ जिला के कबाड़ा पहाड़ से लाल रंग की छिपकली , घड़ियाल , कुल्हाड़ी, सांभर आदि की चित्रकारी प्राप्त हुए हैं।

    3. उत्तर पाषाण काल -

    छत्तीसगढ़ में उत्तर पाषाण काल के साक्ष्य बिलासपुर जिला के धनपुर , रायगढ़ जिला के महानदी घाटी और सिंघनपुर की गुफाएं से मानव आकृतियों का चित्रण औज़ारों की आकृति खुदी हुई प्राप्त हुई हैं।

    4. नव पाषाण काल -

    छत्तीसगढ़ में नव पाषाण काल के साक्ष्य राजनांदगाव जिला के चितवाडोंगरी , रायगढ़ के टेरम एवं दुर्ग के अर्जुनी से छिद्रित घन औजार प्राप्त हुए हैं।

    छत्तीसगढ़ में पाषाण काल के अन्य साक्ष्य-

    1.पाषाण घेरे -

    छत्तीसगढ़ में पाषाण काल के पाषाण घेरे बालोद जिला के करहीभदर ,चिरचारी ,सोरर एवं बस्तर जिला के गढघनोरा से प्राप्त हुए हैं। शवों को दफनाकर बड़े पत्थरों से ढंक दिया जाता था , जिन्हें पाषाण घेरे कहते थे ।

    2 . लौहपात्र - 

    छत्तीसगढ़ में पाषाण काल के लौहपात्र सरगुजा जिला के जोगीमारा एवं सीताबेंगरा(लौहपात्र ) , बालोद के लोहरा क्षेत्र(लोहा गलायी से संबंधित साक्ष्य, कारकाभाटा (लोहे के औजार व मृदभांड प्राप्त से प्राप्त हुए हैं।
    काल स्थल विशेष 
    पूर्व  पाषाण काल 
    • सिघनपुर की गुफाएं 
    • रायगढ़ - छापामारा , गिधा ,सोनबरसा ,भंवरखोल 
    • पत्थर के हस्तचलित कुदाल मिले  
    मध्य पाषाण काल 
    • कबरा पहाड़ ( रायगढ़ )
    • कालीपुर , खड़ागघाट , गढ़चंदेला , घाटलोहांग , भातेवाड़ा, राजपुर  
    • लाल रंग के छिपकली , घड़ियाल , कुल्हाड़ी ,सांभर आदि की चित्रकारी 
    उत्तर पाषाण काल 
    • धनपुर 
    • महानदी घाटी 
    • मानव आकृतियों का चित्रण 
    नव पाषाण काल 
    • अर्जुनी (बालोद )
    • चितवाडोंगरी 
    • टेरम 
    • बोनटिला 




    पाषाण घेरे 
    • करहिभदर ,चिरचारी ,सोरर 
    • गढ़धनौरा 

    शैल चित्र 
    • कबरा पहाड़ 
    • सिंघनपुर 
    • चितवाडोंगरी 

    पाषाण युग के औजार 
    • कबरा पहाड़ 
    • जोगीमारा, सीताबेंगरा 

    महापाषाणयुगीन 
    • मल्हार 

    ताम्र - लौहयुगीन पाषाण स्तंभ 
    • करहीभदर , चिरचारी , सोरर ,करकाभाठा , गढ़धनौरा 

    विविध तथ्य-

    • सबसे प्राचीन सिंघनपुर की गुफा उसके बाद कबाड़ा पहाड़ हैं।
    • सर्वाधिक जानकारी कबाड़ा पहाड़ से प्राप्त हुए हैं।
    • रायगढ़ की बोतल्दा की गुफ़ा सबसे लंबी गुफ़ा है।
    • बस्तर के कालीपुर , गढ़चंदेला , घाटलोहांग , खड़गघाट मध्यकालीन माने जाते है।
    • रायगढ़ जिले के करमागढ़, बसनाझार, ओंगना, भैसगढ़ी, लेखाभाड़ा, बेनिपाट, बोतल्दा आदि से शैलचित्र प्राप्त हुए हैं।
    • छत्तीसगढ़ के शैलचित्रों की खोज सर्वप्रथम 1910 में अंग्रेज इतिहासकार एंडरसन ने किया था तथा विस्तृत अध्ययन अमरनाथ दत्त ने किया था ।
    • नवपाषाण काल की अवशेष की जानकारी डॉ. रमेंद्रनाथ मिश्र और डॉ. भगवान सिंह ने किया ।