छत्तीसगढ़ में अपवाह तंत्र / chhattisgarh mein apvah tantra
छत्तीसगढ़ में अपवाह तंत्र को चार भागों में बाँटा गया है -
1. महानदी अपवाह तंत्र
2. गोदावरी अपवाह तंत्र
3. सोन गंगा अपवाह तंत्र
4. नर्मदा अपवाह तंत्र
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छत्तीसगढ़ में अपवाह तंत्र |
1. महानदी अपवाह तंत्र -
महानदी का प्रवाह तंत्र अनुवर्ती है , नदियाँ ढाल के अनुरूप महानदी के चारों दिशाओं से केंद्राभिसारी प्रतिरूप में बहते हुए महानदी में मिलती है , जिसके कारण छत्तीसगढ़ के मैदान में नदियाँ एक सुव्यवस्थित नहर तंत्र की भाँति फैली हुई है।
राज्य के लगभग 58 % भाग पर महानदी प्रवाह तंत्र का विस्तार है। सम्पूर्ण बिलासपुर संभाग व रायपुर संभाग का अधिकांश भाग , हसदेव बेसिन, जशपुर तथा दूध नदी कांकेर तक का क्षेत्र महानदी जल ग्रहण के अंतर्गत आता है।
महानदी इस अपवाह तंत्र का प्रमुख नदी है , जो राज्य की सबसे बड़ी नदी है। सिहावा पहाड़ी ,जिला धमतरी से निकलकर 858 कि. मी. बहकर ओडिशा में बंगाल की खाड़ी में मिलती है।
शिवनाथ , महानदी की सबसे लम्बी सहायक नदी है। इसकी कुल लम्बाई 290 कि.मी. है। यह शिवरीनारायण के पास महानदी में मिलती है।
अन्य सहायक नदियों में उत्तर की ओर से हसदेव ,बोरई ,मांड,केलो ,तथा ईब नदी प्रमुख है। दक्षिण की ओर से दूध नदी ,सोंढुर ,पैरी ,सूखा ,जोंक ,तथा लात आकर मिलती है।
महानदी अपवाह तंत्र की प्रमुख नदियाँ -
1. महानदी -- अन्य नाम -
- प्राचीन नाम - कनकनन्दिनी
- सतयुग में - निलोत्पला
- द्वापरयुग में - चित्रोत्पला गंगा
- महाभारत काल में - महानंदा
- उद्गम - सिहावा पहाड़ी ( जिला -धमतरी )
- विसर्जन - बंगाल की खाड़ी में (कटक (ओडिशा ) के पास )
- कुल लम्बाई - 858 कि.मी. (छत्तीसगढ़ में 286 कि.मी.)
- अपवाह क्षेत्र - धमतरी, कांकेर ,बालोद ,रायपुर ,गरियाबंद ,महासमुंद ,बलोदाबाजार-भाटापारा ,जांजगीर-चांपा ,रायगढ़ (9 जिले )
- सहायक नदी -
दक्षिण से - दूधनदी ,सिलयारी नदी ,पैरी नदी ,सोंढूर नदी ,सूखा नदी , जोंक नदी , लात नदी।
- संगम स्थल -
2. शिवरीनारायण (जांजगीर - चांपा )- महानदी +शिवनाथ +जोंक
3. चंद्रपुर (जांजगीर -चांपा )- महानदी +लात +मांड
- परियोजना -
2. गंगरेल बांध (रविशंकर जलाशय ),1979 धमतरी जिले में महानदी पर स्थित है।
3. दुधवा जलाशय (1963) धमतरी जिला में महानदी पर स्थित है।
- महानदी की सहायक नदियाँ -
- उद्गम - देवगढ़ की कैमूर पर्वत से , जिला कोरिया , (सोनहट तहसील )
- विसर्जन - महानदी में (शिवरीनारायण निकट ग्राम केरा - सिलादेही )
- कुल लम्बाई - 176 कि.मी.
- अपवाह क्षेत्र - कोरिया,जांजगीर -चांपा , कोरिया जिला।
- महानदी की दूसरी लम्बी सहायक नदी है।
- हसदेव की सहायक नदियाँ - गज ,अहिरण , जटाशंकर ,चोरनाई, तान ,झिंक और उतेज।
- प्रमुख तटीय नगर - कोरिया , चांपा एवं पीथमपुर
- परियोजना - हसदेव बांगो (मिनीमाता परियोजना 1968 )
- उद्गम - मैनपाट (सरगुजा जिला )
- विसर्जन - चंद्रपुर के पास महानदी में
- कुल लम्बाई - 155 कि.मी.
- प्रवाह क्षेत्र - सरगुजा, जशपुर , रायगढ़ , जांजगीर - चांपा
- सहायक नदी - कुरकुट एवं कोइराज
- विशेष - मांड घाटी में कोयले की प्राप्ति होती है।
- उद्गम - रायगढ़ के लैलूंगा तहसील स्थित लुड़ेग पहाड़ी से निकलती है।
- विसर्जन - ओड़िशा राज्य के महादेव पाली नामक स्थान पर महानदी में
- अपवाह क्षेत्र - रायगढ़ जिला।
- परियोजना - केलो / दिलीप सिंह जूदेव परियोजना ( ग्राम - दनौट रायगढ़ )
4. ईब नदी -
- उद्गम - खुड़िया पहाड़, पण्डरापाट ( तहसील - बगीचा , जिला - जशपुर )
- विसर्जन - महानदी ( सम्बलपुर , ओड़िशा )
- लम्बाई - 87 कि. मी. छत्तीसगढ़ में ( कुल लम्बाई - 202 कि. मी.)
- सहायक नदियाँ - डोरकी, मैनी , खोरंग ,सिरी।
- प्रवाह क्षेत्र - जशपुर , ओड़िशा
- ईब नदी के बालू में प्राकृतिक रूप से सोने के कण पाए जाते है।
5. पैरी नदी -
- उद्गम - भातृगढ़ी पहाड़ी ( भाटीगढ़ ) तहसील बिन्द्रानवागढ़ जिला गरियाबंद।
- विसर्जन - राजिम में महानदी में संगम
- सहायक नदी - सोंढुर
- परियोजना - सिकासार परियोजना (1979-80) विश्व बैंक की सहायक से बना।
6. जोंक नदी -
- उद्गम - पिथौरा के पास से , महासमुंद जिला
- लम्बाई - 90 कि.मी.
- विसर्जन - महानदी (शिवरीनारायण )
- जोंक नदी , महानदी की सहायक नदी है।
7. दूध नदी -
- उद्गम - मालजकुण्डम पहाड़ी , कांकेर
- विसर्जन - महानदी में
- मालजकुण्डम जलप्रपात (कांकेर में ) स्थित है।
- परियोजना - दुधवा जलाशय (1963)
8. शिवनाथ नदी -
- उद्गम - अंबागढ़ तहसील , पानाबरस पहाड़ी (राजनाँदगाँव )
- विसर्जन - शिवरीनारायण के समीप महानदी में
- कुल लम्बाई - 290 कि.मी.
- छत्तीसगढ़ में बहने वाली सबसे लम्बी नदी है।
- महानदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है।
- अपवाह क्षेत्र - राजनाँदगाँव , दुर्ग ,बेमेतरा ,मुंगेली ,बलौदाबाजार ,बिलासपुर ,जांजगीर - चांपा।
- तटीय नगर - दुर्ग , अंबागढ़ चौकी , धमधा, नांदगांव।
- परियोजना - मोंगरा बैराज (राजनाँदगाँव )
शिवनाथ की सहायक नदियाँ -
1. मनियारी -
- उद्गम - लोरमी का पठार , सिहावल सागर
- विसर्जन - शिवनाथ नदी में तालागांव
- सहायक नदियाँ - घोंघा , छोटी गंगा , आगर , टेसुवा
- लम्बाई - 134 किलोमीटर
- प्रवाह - मुंगेली , बिलासपुर जिले
- बिलासपुर और मुंगेली जिले की सीमा रेखा बनाती है।
- खारंग जलाशय का निर्माण किया गया।
- परियोजना - खुरिया बांध / राजीव गाँधी जलाशय (1930)
- उद्गम - कोरबा जिले से
- विसर्जन - शिवनाथ नदी में
- लम्बाई - 135 किलोमीटर
- बिलासपुर व जाँजगीर - चांपा बीच सीमा रेखा बनती है।
- उद्गम - डौंडी तहसील , जिला बालोद
- परियोजना - खरखरा जलाशय
- उद्गम - तहसील भानुप्रतापपुर , जिला बालोद
- लम्बाई - 64 किलोमीटर
- बालोद के निकट तांदुला बांध बना है।
- प्रवाह क्षेत्र - कांकेर ,बालोद ,दुर्ग जिला
- परियोजना - तांदुला परियोजना (छ.ग. में प्रथम , 1913)
- उद्गम - बालोद जिला , दक्षिण - पर्ण पेटेचुआ
- विसर्जन - सिमगा के निकट सोमनाथ नामक स्थान
- लम्बाई - 80 किलोमीटर
- प्रवाह - रायपुर , बालोद , दुर्ग , बेमेतरा , बलौदाबाजार जिला
- तटीय नगर - रायपुर
- उद्गम - खोडरी खोंगसरा पहाड़ी , तहसील पेंड्रा जिला - बिलासपुर
- विसर्जन - मानिकचौरी के निकट शिवनाथ में
- लम्बाई - 100 किलोमीटर
- सहायक नदी - खारंग नदी - खारंग नदी पर खूंटाघाट परियोजना
- तटीय नगर - बिलासपुर
- परियोजना - भैंसाझार
- उद्गम - कन्दवानी पहाड़ी , कवर्धा जिले से
- लम्बाई - 44 किलोमीटर
- विसर्जन - शिवनाथ नदी
गोदावरी प्रवाह तंत्र -
गोदावरी नदी राज्य की सीमा से मात्र 24 कि.मी. बहती है। परन्तु राज्य का 29 % भू -भाग का गोदावरी प्रवाह तंत्र का विस्तार है। गोदावरी प्रवाह तंत्र राज्य की दूसरी बड़ी प्रवाह तंत्र है।
गोदावरी दक्षिण भारत की सबसे सबसे बड़ी नदी है। त्रयम्बक की पहाड़ी , जिला नासिक, महाराष्ट्र से निकलकर आंध्र प्रदेश से होकर बंगाल की खाड़ी में विसर्जित होती है।
गोदावरी प्रवाह तंत्र की प्रमुख नदियाँ -
1. गोदावरी नदी -
- उद्गम - त्रयम्बक की पहाड़ी (नासिक ,महाराष्ट्र )
- विसर्जन - बंगाल की खाड़ी
- छत्तीसगढ़ में विस्तार - दण्कारण्य का पठार
- सहायक नदी - इंद्रावती, शबरी नदी।
- उद्गम - मुंगेर पर्वत , धरमगढ़ तहसील , जिला कालाहांडी ओड़िशा
- विसर्जन - गोदावरी में ( भद्रकाली के समीप , बीजापुर )
- लम्बाई - 264 कि.मी.
- सहायक नदी -
2. दक्षिण की ओर से - डंकिनी-शंखिनी, तालपेरु , चिंतावागु , नंदिराज।
- तटीय शहर - जगदलपुर , बारसूर , भोपालपट्टनम।
- उद्गम - मोहेला तहसील (राजनाँदगाँव )
- विसर्जन - इंद्रावती नदी में ( बीजापुर जिला )
- लम्बाई - 135 कि.मी.
- बालू में सोने के कण मिलते है।
- उद्गम - बैलाडिला पहाड़ी , नंदिराज शिखर , दंतेवाड़ा
- छत्तीसगढ़ की सबसे प्रदूषित नदी है।
5. डंकिनी -
- उद्गम - डांगरी , डोंगरी पहाड़ी दंतेवाड़ा जिला
- डंकिनी - शंकिनी के संगम पर दंतेवाड़ा है।
- उद्गम - माकड़ी नामक स्थान से (जिला कोंडागांव )
- विसर्जन - चित्रकोट जलप्रपात के निकट इंद्रावती में
- उद्गम - नारायणपुर तहसील
- विसर्जन - बारसूर के निकट इंद्रावती में
8. शबरी -
- उद्गम - जिला -कोरापुट , ओड़िशा
- विसर्जन - आंध्रप्रदेश के कुनावरम , गोदावरी
- लम्बाई - 173 कि. मी.
- छत्तीसगढ़ और ओड़िशा के मध्य सीमा रेखा
- इस नदी के बालू में स्वर्ण कण पाए जाते है।
- जल परिवहन की सुविधा उपलब्ध है।
- उद्गम - कुलझारी पहाड़ी , जिला राजनांदगाव
- विसर्जन - वेनगंगा में ( गोदावरी की सहायक )
- छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा बनती है।
सोन -गंगा प्रवाह तंत्र -
- कन्हार , रिहन्द , बनास , गोपद तथा इसकी सहायक नदियाँ जो सोन अपवाह तंत्र के अंतर्गत आती है तथा सोन के द्वारा गंगा अपवाह तंत्र में जुड़ जाती है।
- गंगा अपवाह तंत्र का विस्तार राज्य के 13. 15 % भाग में है।
- प्रदेश में प्रवाह क्षेत्र - कोरिया ,सरगुजा ,जशपुर ,सूरजपुर ,बलरामपुर जिले।
1. सोन नदी -
- सोन नदी, गंगा की प्रमुख सहायक नदी है। मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश को पार करते हुए पटना के पास गंगा नदी में मिल जाती है।
- प्रवाह - पेंड्रा रोड के बंजारी पहाड़ी क्षेत्र से
- सहायक नदी - कन्हार , रिहन्द ,गोपद ,बनास ,बीजाल आदि।
- उद्गम - छुरी मतिरंगा उदयपुर की पहाड़ियों से जिला - सरगुजा
- विसर्जन - सोन नदी में
- लम्बाई - 145 कि.मी.
- सहायक - घुनघुट्टा , मोरनी , गोबरी , सूर्या , महान , रेन्ड नदी
- प्रवाह क्षेत्र - सरगुजा ,सूरजपुर , एवं बलरामपुर जिले
- सरगुजा की जीवन रेखा कहलाती है।
- रिहन्द बांध - मिर्जापुर जिला उत्तरप्रदेश
3. कन्हार नदी -
- उद्गम - बखोना चोटी , तहसील- बगीचा , जिला- जशपुर
- विसर्जन - सोन नदी
- लम्बाई - 115 कि.मी.
- सहायक नदियाँ - सिंदूर , गलफुला , पेंगन।
नर्मदा प्रवाह तंत्र -
- मैकल श्रेणी , महानदी अपवाह तंत्र को नर्मदा अपवाह तंत्र से अलग करती है।
- प्रवाह क्षेत्र - उत्तरी कवर्धा तहसील
- इसका जलग्रहण क्षेत्र प्रदेश के 0.55 % भाग पर है।
- उद्गम - कवर्धा
- विसर्जन - नर्मदा
जलप्रपात -
सरगुजा संभाग -
1. महेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला
(i) अमृतधारा जलप्रपात
- नदी - हसदेव नदी
(ii ) अंकुरीनाला जलप्रपात
- नदी - अंकुरीनाला
- कोरिया का प्राकृतिक एयर कंडीशनर कहा जाता है।
(iii) गावरघाट
- नदी - हसदेव नदी
- बनास नदी
2. सरगुजा जिला
(i) सरभंजा जलप्रपात
- नदी - मांड नदी (मैनपाट क्षेत्र )
(iii) फिश पॉइंट
(iv) सेमद प्रपात
(v) देवप्रवाह
(vi) रजपुर
(vii) दराभा
(viii) देवचार
(ix) महनई
3. बलरामपुर जिला
(i) कोठली नदी
- नदी - कन्हार नदी
(ii) पवई जलप्रपात
- नदी - चिनार / चनान नदी
- वैनगंगा नदी
(iv) भेड़ियापत्थर
4. जशपुर जिला
- रानीदाह जलप्रपात
- राजपुरी जलप्रपात
- दमेरा जलप्रपात
- खुडियारानी जलप्रपात
- बेने जलप्रपात
- छुरी जलप्रपात
- मकरभंजा जलप्रपात
- दानपुरी जलप्रपात
- भृंगराज जलप्रपात
बिलासपुर संभाग -
1. कोरबा जिला
(i) केंदई जलप्रपात
- नदी - केंदई नदी
2. रायगढ़ जिला
(i) रामझरना
(ii) माडुसिल्ली (बरमकेला)
3. सक्ती जिला -
- दमाऊदहरा
रायपुर संभाग -
1. महासमुंद
(i) सातदेव धारा
- नदी - बलमदेई नदी
2. गरियाबंद
(i) गोदना जलप्रपात
- उदंयती नदी के तट
(iii) जतमई
बस्तर संभाग -
1. कांकेर जिला
(i) मलाजकुंडम जलप्रपात
नदी - दूधनदी
2. नारायणपुर जिला
(i) चर्रे - मर्रे जलप्रपात
(ii) खुरसेल झरना
- नदी - खुरसेल नदी
3. बस्तर जिला
(i) चित्रकूट जलप्राप्त
- नदी - इंद्रावती नदी
- स्थिति - लोहंडीगुडा तहसील क्षेत्र
- यह भारत का सबसे चौड़ा जलप्रपात है।
- इसे भारत का नियाग्रा कहा जाता है।
(ii) तीरथगढ़ जलप्रपात
- नदी - मुनगाबहार (कांगेर नदी की सहायक नदी )
- छत्तीसगढ़ का सबसे ऊँचा जलप्रपात है।
(iii) कांगेरधारा जलप्रपात
- नदी - कांकेर नदी
(iv) चित्रधारा
(v) महादेवधूमर
(vi) मड़वा तामड़ाघूमर
4. दंतेवाड़ा जिला
(i) सूरजगढ़ जलप्रपात
- नदी - डंकिनी नदी
(ii) मेंदरीघूमर जलप्रपात
- हाथीदरहा जलप्रपात भी कहते है।
5. सुकमा जिला
(i) गुप्तेश्वर जलप्रपात
- नदी - शबरी नदी
(ii) मल्गेर जलप्रपात
- नदी - मल्गेर नदी
6. बीजापुर जिला
(i) सातधारा जलप्रपात
- नदी - इंद्रावती नदी
- इसके सात धारा क्रमशः शिवधारा , शिव चित्रधारा , कृष्णधारा ,पाण्डवदहरा , बाणधारा , बोधधारा , तथा कपिलधारा
(ii) वोगतुंग जलप्रपात
(iii) लंकपल्ली - चिंतावागु नदी