Chhattisgarh ki jalvayu/छत्तीसगढ़ की जलवायु

Chhattisgarh ki jalvayu/छत्तीसगढ़ की जलवायु


Chhattisgarh ki jalvayu

Chhattisgarh ki jalvayu


मौसम क्या है ?

सीमित क्षेत्र के अंतर्गत समय विशेष में वायुमंडल की दशा को 'मौसम' कहते है। 

जलवायु क्या है ?

 विस्तृत क्षेत्र एवं लंबी समयावधि (30-35 वर्ष ) में मौसम की अवस्थाओं एवं विविधताओं का कुल योग 'जलवायु' कहलाता है।

छत्तीसगढ़ की जलवायु -

किसी प्रदेश की जलवायु उस प्रदेश की भौगोलिक स्थिति ,समुद्र तल से ऊंचाई ,वनस्पति की मात्रा ,धरातल का स्वरूप आदि कारकों पर निर्भर करता है ,जिसके कारण जलवायु में प्रादेशिक आधार पर भिन्नता पायी जाती है। 
छत्तीसगढ़ मानसूनी जलवायु के क्षेत्र में आता है। कर्क रेखा पर स्थिति ,समुद्र से दूरी पठारी एवं पहाड़ी भौतिक बनावट छत्तीसगढ़ की जलवायु को विशिष्टता प्रदान करती है।

छत्तीसगढ़ की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक क्या है ?

  • भूमध्य रेखा से दुरी 
  • समुद्र से दुरी 
  • समुद्र तल से ऊँची 
  • समुद्र और भूमि से हवा का बहाव 
  • समुद्री जलधारा 
  • पर्वत श्रेणी की दिशा 
  • वनस्पति एवं मिट्टी 
Chhattisgarh ki jalvayu

छत्तीसगढ़ की जलवायु को तीन भागों में बाँटा गया है। 

1. उत्तरी छत्तीसगढ़ -  
यह क्षेत्र उत्तर भारत की जलवायु से प्रभावित होता है। शीतकाल में शीतलहर के प्रभाव के कारण लम्बे समय तक कोहरा तथा पाला की स्थिति बनी रहती है। मैनपाट का तापमान हिमांक बिंदु तक पहुँच जाता है। 
इस क्षेत्र में राज्य में सर्वाधिक वर्षा होती है। शीतकाल में यह क्षेत्र पश्चिम विक्षोभ के प्रभाव में रहता है। प्रदेश के उत्तरी भाग के बलरामपुर , सूरजपुर एवं कोरिया जिले से होकर कर्क रेखा गुजरती है। इस कारण यह गर्म प्रदेश है। 

2. छत्तीसगढ़ का मैदान -
यह क्षेत्र राज्य का गर्म क्षेत्र है। चांपा में राज्य का सर्वाधिक तापमान दर्ज होता है। इस क्षेत्र में औसत वर्षा राज्य में न्यूनतम है। मैकल श्रेणी का पूर्वी भाग वृष्टि छाया क्षेत्र है। जहाँ औसत वर्षा 40-50 cm होता है। 

3.दक्षिण छत्तीसगढ़ -
सघन वनों से आच्छादित इस प्रदेश में समजलवायु पाया जाता है। तापमान का वितरण औसत है। अबूझमाड़ की पहाड़ियों में राज्य में सर्वाधिक वर्षा दर्ज होती है। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहाँ के जलवायु ठंडी और अधिक वर्षा के कारण नम है। 

जलवाऊ के घटक -
1. वर्षा -
  • वर्षा ऋतुएँ - 15 जून से 15 सितम्बर तक 
  • छत्तीसगढ़ में वर्षा की प्रकृति - मानसूनी 
  • छत्तीसगढ़ का पश्चिमी भाग वृष्टि छाया प्रदेश में पड़ता है। यहाँ औसत वर्षा 40 cm होती है। 
  • छत्तीसगढ़ में मुख्य रूप से बंगाल खाड़ी के मानसून से वर्षा होती है।
  • औसत वर्षा - 125 -150 cm 
  • अधिकतम वर्षा वाला क्षेत्र - 187.5 cm ( अबूझमाड़)
  • न्यूनतम वर्षा - कवर्धा जिला 
  • सर्वाधिक वार्षिक वर्षा का औसत-जशपुर जिला , भानुप्रताप तहसील
  • न्यूनतम वर्षा का औसत - कवर्धा जिला 
2. तापमान -
  • ग्रीष्मकाल का तापमान - 40 से 45 C 
  • शीतकाल  का तापमान - 15 से 20 C 
  • औसत तापमान - 20 से 35 C 
  • सर्वाधिक तापमान - चांपा 
  • न्यूनतम तापमान - सामरी पाट (बलरामपुर ), मैनपाट (सरगुजा )
3. वायुदाब -
  • छत्तीसगढ़ में वायुदाब में ज्यादा अंतर नहीं होता है। 
  • ग्रीष्मकाल में यहाँ से 1015 मिलीबार तथा शीतकाल में 1025 मिलिबार की समदाब रेखाएँ गुजरती है।
छत्तीसगढ़ की जलवायु की विशेषताएँ क्या है ?
  • छत्तीसगढ़ में मुख्य रूप से उष्ण कटिबंधीय मानसूनी जलवायु पायी जाती है। 
  • 23.30 उत्तरी अक्षांश (कर्क रेखा) प्रदेश के उत्तरी जिलों कोरिया ,सूरजपुर एवं बलरामपुर से होकर गुजरती है। 
  • जबकि 82.30 पूर्वी देशांतर जो भारत की माध्य रेखा है, छत्तीसगढ़ से होकर गुजरती है। 
  • कर्क रेखा गुजरने के कारण छत्तीसगढ़ में ग्रीष्म ऋतु में अधिक गर्म एवं शीत ऋतु में सामान्य ठंड होती है। 
  • छत्तीसगढ़ भू-आवेष्ठित राज्य है। इस कारण यहाँ की जलवाऊ महाद्वीपीय प्रकार की है।      


  

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