रामायण काल Ramayan Age -
- रामायण महाकाव्य के अनुसार छत्तीसगढ़ दक्षिण कोसल क्षेत्र का एक भाग था।
- दक्षिण कोसल की राजधानी कुशस्थली थी।
- कोसल प्रदेश का नामकरण भानुमंत के पिता महाकोसल के नाम पर हुआ।
- राजा भानुमंत की पुत्री कौशल्या का विवाह उत्तर कोसल के राजा दशरथ से हुआ।
- भानुमंत का कोई पुत्र न होने के कारण यह क्षेत्र भी राजा दशरत को प्राप्त हुआ था। छत्तीगगढ़ श्रीराम का ननिहाल था।
- रामायण महाकाव्य के अनुसार राम अपने वनवास के दौरान अधिकांश समय यहाँ व्यतीत किये थे
- श्रीराम वनवास के समय सरगुजा जिला के रामगढ की पहाड़ी, सीताबेंगरा तथा लक्ष्मणबेंगरा की गुफा में काफी समय व्यतीत किए। यहीं पर किष्किंधा पर्वत में बालि के वध का प्रमाण मिलता है
- जांजगीर- चांपा के खरौद में खरदूषण का साम्राज्य था। यहीं पर लक्ष्मण द्वारा स्थापित लखनेश्वर मंदिर (लाखा चाऊर मंदिर )है।
- शिवरीनारायण को शबरी आश्रम के रूप में चिन्हित किया जाता है।
- बलौदाबाजार -भाटापारा जिला के बारनावापारा अभ्यारण में स्थित तुतुरिया वाल्मिकी ऋषि का आश्रम था। जहाँ लव - कुश का जन्म हुआ।
- धमतरी जिला के महानदी का उद्गम स्थल सिहावा में श्रृंगी ऋषि का आश्रम था। राम ने राक्षसों के आंतक से मुक्ति दिलायी।
- कांकेर जिला के पंचवटी स्थल है। रामायण महाकाव्य के अनुसार यहीं से सीताजी का हरण हुआ था।
- दण्कारण्य प्रदेश को इक्ष्वाकु के पुत्र दण्डक का साम्राज्य मन जाता है। रामायण महाकाव्य में दण्डकारण्य का सर्वाधिक उल्लेख किया गया है
1) मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर -
सीतामढ़ी हरचौका, सीतामढ़ी घाघरा( छत्तीसगढ़ में भगवान राम का प्रवेश )
2) सरगुजा -
रामगढ़ की पहाड़ी में स्थित सीताबेंगरा, लक्ष्मणबेंगरा एवं हाथीपोल की गुफा तथा किष्किंधा की गुफा आदि।
3) रायगढ़ -
रामझारना ( किवदंती अनुसार जब माता सीता को प्यास लगी थी तब से राम के बाण से इस जाने का उद्गम हुआ था)
4) जांजगीर- चाम्पा
- खरौद - यहाँ खरदूषण का साम्राज्य था।यहां लक्ष्मण द्वारा सवा लापसी प्रयुक्त शिवलिंग स्थापित किया गया था जो आज लखनेश्वर महादेव मंदिर के गर्भगृह में स्थापित है।
- शिवरीनारायण - भगवान राम ने माता शबरी के जूठे बेर खाए थे ।
महाभारत काल Mahabharat Age :-
महाभारत महाकाव्य के अनुसार तत्कालीन छत्तीसगढ़ प्राक् कोसल का भाग था।
प्राक्-कोसल या कोसल - छत्तीसगढ़
कान्तर - बस्तर के अरण्य क्षेत्र
महाभारत काल के स्थल Place of Mahabharat Age -
1. मणिपुर (रतनपुर, जिला -बिलासपुर )-
- ताम्रध्वज की राजधानी था। ताम्रध्वज महाभारत के युद्ध में भाग लिये थे।
2. चित्रांगदपुर (सिरपुर , जिला - महासंमुद ) -
- अर्जुन की पत्नी चित्रांगदा सिरपुर की राजकुमारी थी। कालांतर में अर्जुन पुत्र 'बभ्रुवाहन ' की राजधानी सिरपुर था।
3. खल्लवाटिका (खल्लारी जिला - महासमुंद )-
- खल्लारी में 'लाक्षा गृह ' के साक्ष्य हैं। यहाँ पर भीम के पद चिन्ह 'भीम - खोह ' धरोहर के रूप में आज भी है।
4. गुंजी (जिला - जाँजगीर -चांपा ) -
- गुंजी को ऋषभतीर्थ माना जाता है।
5. भाण्डेर (आरंग जिला - जाँजगीर -चांपा )-
- महाभारत युद्ध में राजा 'मोरध्वज ' ने भाग लिया था।
- आरंग मोरध्वज की राजधानी था।