छत्तीसगढ़ में उद्योग / chhattisgarh mein udyog

                छत्तीसगढ़ में उद्योग / Industries in Chhattisgarh-

chhattisgarh mein udyog

छत्तीसगढ़ में उद्योग के नियोजित विकास का प्रारंभ द्वितीय योजना से होता है। इससे पहले यहाँ बड़े उद्योगों के नाम पर राजनाँदगाँव में वर्ष 1892 में स्थापित बंगाल - नागपुर कॉटन मिल (BNC) एवं रायगढ़ में वर्ष 1935 में स्थापित मोहन जुट मिल ही थे। वर्ष 1892 में सीपी मिल्स के नाम से बम्बई के जे.वी.मैकवेथ ब्रदर्स ने राज्य की पहली कॉटन मिल की स्थापना की। वर्ष 1897 में इन्होने यह फैक्ट्री कोलकाता के शावलिस कंपनी को बेच दी। शावलिस कंपनी ने इसका नाम बदल कर बंगाल - नागपुर कॉटन मिल रखा।   
भारत के अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में उद्योग का विकास बहुत धीमा रहा है।

छत्तीसगढ़ में उद्योग का विकास एवं संरचना Development and structure of industry in Chhattisgarh -

  • बंगाल नागपुर कॉटन मिल (BNC), राजनाँदगाँव  - 1892
  • बिलासपुर रेल मंडल - 1900
  • मोहन जुट मिल, रायगढ़ - 1935
  • भिलाई स्टील प्लांट - 1955-59 (द्वितीय पंचवर्षीय योजना )
  • एसोसिएटेड सीमेंट कंपनी लिमिटेड (ACC) - 1964-65 
  • भारत एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड(BALCO) - 1965 
  • रेल्वे वैगन रिपेयर वर्कशॉप , रायपुर - 1966 
  • किरंदुल , बैलाडीला (दंतेवाड़ा) - 1968 
  • NTPC, कोरबा - 1978 (5 वीं पंचवर्षीय योजना )
  • SECL, बिलासपुर - 1987 
  • जिंदल इस्पात एंड पॉवर लिमिटेड - 1987-91 
  • मोनेट इस्पात संयंत्र , रायगढ़ - 2000 
  • मोनेट इस्पात संयत्र , रायपुर - 2002 
  • NTPC, सीपत - 2002 
  • रेल्वे जोन बिलासपुर - 2003 
  • कोरबा ईस्ट (श्यामा प्रसाद मुखर्जी पॉवर प्लांट )- 2005 
  • अल्ट्रा मेगा पॉवर प्रॉजेक्ट , प्रेमनगर - 2010 
  • NTPC, लारा रायगढ़ - 2013 
छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम Chhattisgarh State Industrial Development Corporation -

  • स्थापन - 

छत्तीसगढ़ प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र Chhattisgarh Pradesh Industrial Area -

1. औद्योगिक विकास केंद्र, उरला  -
  • स्थान - उरला ,रायपुर 
  • क्षेत्रफल - 375 हेक्टेयर 
  • स्थापित उद्योग - 60 वृहद और 550 लघु उद्योग  
  • पूँजी निवेश - 425 करोड़ से अधिक 
  • यह पूर्णतः विकसित औद्योगिक क्षेत्र है , जिसमें सड़कों ,स्ट्रीट लाइट ,जल प्रदाय ,सतही जल निकास जैसी आधारभूत योजनाओं के अतिरिक्त आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई है। 
2. औद्योगिक विकास केंद्र सिलतरा  
  • स्थान - सिलतरा 
  • क्षेत्रफल - 1260 हेक्टेयर 
  • स्थापित उद्योग - 3 वृहद और 9 लघु उद्योगों 
  • पूँजी निवेश - 700 करोड़ से अधिक 
  • इस औद्योगिक क्षेत्र में वर्तमान में दो स्पंज आयरन संयंत्र , एक विद्युत उत्पादन संयंत्र तथा एक फेरो एलाय संयंत्र निर्माणाधीन है। 
3. औद्योगिक विकास केंद्र बोरई 
  • स्थान - बोरई , जिला - दुर्ग 
  • क्षेत्रफल - 437 हेक्टेयर 
  • स्थापित उद्योग - 2 वृहद और 27 लघु उद्योगों 
  • पूँजी निवेश - 115 करोड़ 
  • औद्योगिक क्षेत्र में वर्तमान में 40 लाख लीटर प्रतिदिन जलप्रदाय की की क्षमता है , जिसे निजी क्षेत्र के सहयोग से 300 लाख लीटर प्रतिलीटर तक बढ़ाए जाने की योजना पर कार्य प्रारंभ है। क्षेत्र में आधारभूत संरचनाएँ उपलब्ध है। 
4. औद्योगिक विकास केंद्र सिरगिट्टी -
  • स्थान - सिरगिट्टी जिला - बिलासपुर 
  • क्षेत्रफल - 430 हेक्टेयर 
  • स्थापित उद्योग - 7 वृहद और मध्यम , 175 लघु उद्योगों 
  • पूँजी निवेश - 93 करोड़ 
  • औद्योगिक क्षेत्र में आधारभूत संरचनाएँ , यथा - दूरभाष केंद्र , बैंक ,पोस्ट ऑफिस , शॉपिंग , कॉम्प्लेक्स ,पेट्रोल पंप आदि उपलब्ध है।
  • बिलासपुर शहर से लगे हुए इस औद्योगिक क्षेत्र में रेल्वे तथा साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड्स पर आधारित अनेक सहायक उद्योगों की स्थापना हुई है।
  • वर्तमान में निगम द्वारा लगभग 3112 हेक्टेयर भूमि का विकास और प्रबंध किया जा रहा है , जिसमें अभी तक रू. 1859.55 करोड़ के पूँजी के विनियोजन से 800 उद्योगों की स्थापना हो चुकी है।

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