छत्तीसगढ़ का प्राकृतिक विभाजन / Natural Division of Chhattisgarh -
छत्तीसगढ़ को मुख्यत: चार प्राकृतिक प्रदेशों में विभाजित किया गया है।
- पूर्वी बघेलखण्ड का पठार
- जशपुर-सामरी पाट प्रदेश
- छत्तीसगढ़ का मैदान
- दण्डकारण्य का पठार
पूर्वी बघेलखण्ड का पठार -
यह राज्य के उत्तरी भाग में स्थित प्राकृतिक प्रदेश है। जोकि बघेलखण्ड का पूर्वी हिस्सा है।
1. स्थिति एवं विस्तार -
- कुल क्षेत्रफल - 21863 वर्ग किलोमीटर
- अक्षांशीय विस्तार - 23°40" उत्तरी अक्षांश से 24°5" उत्तरी अक्षांश तक
- देशांतरीय विस्तार - 80°5" पूर्वी देशान्तर से 83°35" पूर्वी देशांतर तक
- इसके अंतर्गत कोरिया व सूरजपुर का सम्पूर्ण भाग , बलरामपुर (सामरी ,कुसमी तहसील को छोड़कर ), सरगुजा (मैनपाट को छोड़कर ) जिले आते हैं।
2. भूगर्भिक संरचना -
- इस प्रदेश में आर्कियन शैल समूह का विस्तार है।
- इसके अंतर्गत ऊपरी गोंडवाना व निचला गोंडवाना शैल समूह की प्रधानता है।
- मुख्यतः इस प्रदेश में कोयला खनिज की प्रधानता है।
3. धरातल संरचना -
- औसत ऊंचाई - 400-600 मीटर
- ढाल - उत्तर की ओर
- उतरी -पूर्वी भाग पर कन्हार बेसिन ,मध्य भाग में रिहन्द बेसिन ,दक्षिण -पश्चिम भाग में हसदेव रामपुर का विस्तार है।
- चांगभखार एवं देवगढ़ की पहाड़ियों का विस्तार मनेन्द्रगढ़ , सोनहट , वाड्रफनगर से रामानुजगंज तहसील तक है।
- दक्षिणी भाग में छुरी -मतिरंगा पहाड़ियों का विस्तार है।
- देवगढ़ पूर्वी बघेलखण्ड का सबसे ऊंची चोटी है।
3. अपवाह तंत्र -
- यह प्रदेश गंगा - सोन नदी अपवाह तंत्र के अंतर्गत आता है। कुछ भाग हसदेव महानदी बेसिन महानदी अपवाह तंत्र का हिस्सा है।
4. जलवायु -
- इस प्रदेश का जलवाऊ उपार्द्र महाद्वीपीय है।
- औसत 125-150 cm वर्षा होती है।
- ग्रीष्म काल का औसत तापमान 30° से 35° के मध्य होता है।
- शीतकाल में औसत तापमान 15° से 20° होता है।
- कर्क रेखा, इस प्रदेश के मध्य से गुजरता है।
5. मृदा -
- इस प्रदेश में मुख्यतः लाल-पीली मिट्टी तथा कुछ मात्रा में लेटराइट मिट्टी पाया जाता है।
6. वन -
- इस प्रदेश के 50% से अधिक भाग में वन पाया जाता है।
- साल वनों की प्रधानता है , वन्य जीवों में नीलगाय और टाइगर प्रमुख है।
7. उद्योग ,परिवहन एवं संचार -
- कृषि एवं खनिज का उत्खनन कार्य इस क्षेत्र का प्रमुख व्यवसाय है।
- इस प्रदेश में वन आधारित उद्योगों की प्रधानता है। लाख, इमरती लकड़ी के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में अग्रणीय स्थान है।
- इस क्ष्रेत्र में परिवहन और संचार के साधनों का घनत्व कम है। नेशनल हाईवे न. 43 इस प्रदेश से होकर गुजरती है।
जशपुर-सामरी पाट प्रदेश -
यह सबसे छोटा प्रदेश है। संरचना के दृष्टि से छोटा नागपुर का पठार का हिस्सा है। यह प्रदेश सबसे ऊंचा प्राकृतिक प्रदेश है ,जिसका औसत ऊंचाई 700 मीटर से अधिक है।
1. स्थिति एवं विस्तार -
- अक्षांशीय विस्तार - 22°19" उत्तरीय अक्षांश से 23°40" उत्तरीय अक्षांश तक
- देशांतरीय विस्तार - 83°2" पूर्वी देशांतर से 84°20" पूर्वी देशांतर तक
- कुल क्षेत्रफल - 6208 वर्ग कि. मी.
- इस प्रदेश का विस्तार सम्पूर्ण जशपुर जिला तथा सरगुजा जिले का सीतापुर एवं मैनपाट तहसील और बलरामपुर जिले का सामरी -कुसमी तहसील तक है।
2. भू - गर्भिक -
- मुख्यतः दक्कन ट्रेप की चट्टान है।
- आर्कियन शैल तथा गोंडवाना कल्प की चट्टान भी कुछ क्षेत्रों में है।
- इस प्रदेश का मुख्य खनिज बॉक्साइट है।
3. धरातल संरचना -
- इस प्रदेश का धरातल पाट प्रदेश तथा तीक्ष्ण घाटियों के कारण उच्चावच युक्त है।
- जशपुर पाट सबसे बड़ा है।
- सामरी पाट में छत्तीसगढ़ की सबसे ऊँची चोटी गौरलाटा (1225मी.) स्थित है।
- मैनपाट को छत्तीसगढ़ का शिमला कहा जाता है।
- जमीर पाट बॉक्साइट की प्रचुरता के कारण बॉक्साइट का मैदान कहा जाता है।
- पण्ड्रा पाट में कैलाश गुफा स्थित है।
4. अपवाह तंत्र -
- इस प्रदेश में मुख्यतः महानदी अपवाह तंत्र का विस्तार है। ईब नदी जो खुरजा पहाड़ी के रानीझुला नामक स्थान से और मांड नदी जो की मैनपाट से निकलती है। महानदी की प्रमुख सहायक नदी हैं।
- उत्तरी भाग पर कन्हार नदी जो की बखोना की चोटी से निकलती है , सोन - गंगा अपवाह तंत्र का निर्माण करती है।
5. जलवाऊ -
- इस प्रदेश की जलवाऊ मानसूनी उपार्द्र है। प्रदेश में 170 से 172 से.मी. औसत वर्षा होती है , जो सभी प्रदेशों में सर्वाधिक है।
- मैनपाट में छत्तीसगढ़ का न्यूनतम तापमान शीतकाल में दर्ज होता है।
6. वनस्पति एवं वन्यजीव -
- इस प्रदेश में मानसूनी साल वनों का विस्तार है। इस प्रदेश का विशिष्ट जानवर हाथी है।
- प्रदेश का बड़ा भाग एलीफैंट रिज़र्व के लिए प्रस्तावित है।
- तपकरा को नागलोक कहा जाता है।
- इस प्रदेश में बादलखोल अभ्यारण्य स्थित है।
7. मृदा एवं कृषि -
- यहाँ के पाट प्रदेशों में लेटराइट तथा मैदानी क्षेत्रों में काली मिट्टी पायी जाती है।
- लेटेराइट मिट्टी तथा आर्द्र जलवाऊ के कारण पाट क्षेत्रों में बगानी फ़सल ली जाती है।
- लुड़ेग को टमाटर की राजधानी कहा जाता है।
- जशपुर पाट में चाय बगान को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
- पण्ड्रा पाट को छत्तीसगढ़ का बगीचा कहा जाता है।
8. परिवहन एवं संचार -
- प्रदेश परिवहन एवं संचार की दृष्टि से छत्तीसगढ़ का पिछड़ा क्षेत्र है। राष्ट्रीय राज्यमार्ग क्र. 43 इस प्रदेश से होकर गुजरती है।
- जशपुर में हवाईपट्टी स्थित है।
छत्तीसगढ़ का मैदान -
छत्तीसगढ़ में भौतिक बनावट के आधार पर सबसे बड़ा भौतिक प्रदेश छत्तीसगढ़ का मैदान है। यह प्रदेश छत्तीसगढ़ राज्य का ह्रदय स्थल कहलाता है।
1. स्थिति एवं विस्तार -
- यह भौतिक प्रदेश राज्य के 50 % से अधिक भाग पर है।
- इसका कुल क्षेत्रफल 68,064 वर्ग कि.मी. है।
- अक्षांशीय विस्तार - 19°47" उत्तरी अक्षांश से 23°07" तक
- देशांतर विस्तार - 80°17" पूर्वी देशांतर से 83°52" पूर्वी देशांतर तक
- इस प्रदेश के अंतर्गत सम्पूर्ण बिलासपुर व रायपुर संभाग तथा राजनाँदगाँव के मोहेला मानपुर को छोड़कर सम्पूर्ण दुर्ग संभाग सम्मिलित है।
2. भू - गर्भिक -
- इस प्रदेश में कड़प्पा शैल समूह का प्रधानता है। कुछ क्षेत्रों में आर्कियन शैल समूह भी पाया जाता है।
- कड़प्पा चट्टान के क्षेत्र में चुना ,डोलामाइट तथा आर्कियन चट्टान के क्षेत्र में लौह-अयस्क विद्यमान है।
3. धरातल -
धरातलीय बनावट की दृष्टि से इस प्रदेश को दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है -
. सीमान्त उच्च भूमि -
- पूर्वी सीमान्त उच्च भूमि (दुर्ग उच्च भूमि )
- पश्चिम सीमान्त उच्च भूमि (धमतरी, महासमुंद उच्च भूमि )
- बिलासपुर - रायगढ़ का मैदान
- रायपुर - दुर्ग का बेसिन ( शिवनाथ एवं महानदी का बेसिन )
4. अपवाह तंत्र -
- इस प्रदेश का अधिकांश भाग महानदी अपवाह तंत्र का भाग है। कवर्धा जिला का कुछ भाग नर्मदा अपवाह तंत्र में आता है।
- छत्तीसगढ़ राज्य की जीवनदायनी महानदी का उद्गम इसी प्रदेश के धमतरी जिला के सिहावा पर्वत से होता है। जिसकी कुल लम्बाई 858 कि.मी. तथा प्रदेश में कुल 286 कि.मी. की लम्बाई पर बहती है।
- शिवनाथ,हसदेव,मांड,केलो,बोरई तथा ईब नदी उत्तर की ओर से महानदी की सहायक नदियाँ हैं।
- दूध नदी ,सोंढुर ,पैरी ,सूखा ,जोंक तथा लात नदी दक्षिण की ओर से महानदी की सहायक नदियाँ हैं।
5. जलवाऊ -
- इस प्राकृतिक प्रदेश में उष्ण कटिबंधीय उपार्द्र मानसूनी जलवायु पायी जाती है।
- यहाँ औसत वर्षा 100-150 cm के मध्य होता है। मैकल पर्वत श्रेणी के वृष्टि छाया प्रदेश में औसत वर्षा 100 cm से भी काम है।
- यह छत्तीसगढ़ का सबसे गर्म प्रदेश है। जांजगीर -चांपा सबसे कम वन आच्छादन होने के कारण छत्तीसगढ़ का सबसे गर्म स्थल है।
6. वनस्पति एवं वन्यजीव -
- इस प्रदेश में मानसूनी पतझड़ वनस्पति मिश्रित वन पाया जाता है।
- इस प्रदेश में वन अपेक्षाकृत कम है। साजा,बीजा,महुआ,तेंदु आदि वनस्पति पाए जाते हैं।
- इस प्रदेश के वन्यजीवों में विविधता है।
वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध अभ्यराण्य-
- उदयन्ती , सीतानदी अभ्यारण्य - वनभैंसा
- बारनवापारा अभ्यारण्य - शाकाहारी वन्यजीवों तथा अजगर
- अचानकमार्ग, भोरमदेव अभ्यराण्य - टाईगर व सफ़ेद भालू
- गोमर्डा अभ्यारण्य - सोनकुत्ता
7. मृदा एवं फ़सल -
- इस प्रदेश में लाल-पीली मिट्टी की प्रधानता है।
- मुंगेली,कवर्धा,बेमेतरा,राजनाँदगाँव में काली मिट्टी पायी जाती है।
- इस क्षेत्र का प्रमुख फ़सल चावल है।
दण्डकारण्य का पठार -
1. स्थिति एवं विस्तार -
- कुल क्षेत्रफल - 39060 वर्ग कि.मी.
- अक्षांशीय विस्तार - 17°46" उत्तरी अक्षांश से 20°34" उत्तरी अक्षांश तक
- देशान्तरीय विस्तार - 80°15" पूर्वी देशांतर से 82°18" पूर्वी देशांतर तक
- इस प्रदेश के अंतर्गत सुकमा ,बीजापुर ,दंतेवाड़ा ,बस्तर ,कोंडागांव ,नारायणपुर ,कांकेर जिले एवं राजनाँदगाँव के मोहला व मानपुर तहसील आते है।
2. भू -गर्भिक -
- इस क्षेत्र में प्राचीन शैल समूह का विस्तार है,इस शैल समूह में विंध्यन ,कड़प्पा ,प्राचीन लावा ,आद्य ग्रेनाईट व नीश तथा धारवाड़ शैल समूह भी आते हैं।
- धारवाड़ शैल समूह कायंरित अवसादी शैल का है जिससें लौह-अयस्क का विशाल भंडार संचित है।
- इस क्षेत्र में स्थित बैलाडीला की पहाड़िया अपने श्रेष्ट किस्म के लौह अयस्क हेतु प्रशिद्ध है।
3.धरातल -
- दक्षिणी भाग कम ऊंचाई का पठारी प्रदेश है।
- दक्षिण -पश्चिम में अबूझमाड़ की पहाड़ी है। black
- दक्षिण -पूर्व में बैलाडीला का पठार स्थित है।
- इस प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी नंदीराज (1210 m) है।
- बीजापुर में नाडापल्ली की गुफ़ा स्थित है।
4. जलवाऊ -
- इस क्षेत्र की जलवाऊ मानसूनी है, यह अधिक वर्षा का क्षेत्र है।
- अबूझमाड़ में सबसे अधिक 187 cm तक वर्षा होती है।
- भानुप्रतापपुर तहसील में सर्वाधिक औसत वर्षा होती है।
5. प्रवाह तंत्र -
- यह प्रदेश गोदावरी व महानदी प्रवाह तंत्र में सम्मिलित है।
- गोदावरी की सहायक नदी इंद्रावती इस प्रदेश के मध्य से बहती है।
- इस प्रदेश के दक्षिण सीमा से शबरी नदी बहती है , यह राज्य का एकमात्र जल परिवहन है।
6. मृदा/ वन -
- प्रदेश में लाल-बलुई मिट्टी पायी जाती है।
- वनस्पति उष्ण कटिबंधीय मानसूनी पतझड़ है, जिसमें मुख्यतः साल तथा सागौन के वन पाए जाते है।
- इस प्रदेश के 52 % भाग पर वनों का विस्तार है।
7. फसल -
- इस प्रदेश में वन होने के कारण कृषि क्षेत्र कम है।
- चावल प्रमुख फसल है , परन्तु मक्का , कोदो ,कुटकी का पैदावार होता है।