कवर्धा के फणीनागवंश

कवर्धा के फणीनागवंश -

संस्थापक - अहिराज 

शासक विशेष 
गोपाल देव 
  • 1089ई. में 'चौरा ' कवर्धा में भोरमदेव मंदिर का निर्माण करवाया। 
  • यह खजुराहो के मंदिर से प्रेरित है। इसलिए इसे छत्तीसगढ़ का खजुराहो कहते है।
  • नागर शैली (चंदेल शैली ) में निर्मित है। 
  • भोरमदेव एक आदिवासी देवता हैं। 
रामचन्द्र देव 
  • 1349 ई. में मड़वा महल का निर्माण करवाया। 
  • यह एक शिव मंदिर है। विवाह का प्रतीक है। 
  • मड़वा महल को दुल्हादेव भी कहते है। 
  • मड़वा महल में कल्चुरि राजकुमारी 'अम्बिका देवी ' से विवाह किया। 
मोनिंग देव 
  • 1402-1414 तक था , जिसे कल्चुरि शासक ब्रह्मदेव ने हराया था।